आजकल के युवा अपने करियर के लिए विभिन्न पेशों को चुनने में रुचि रखते हैं, जिनमें पायलट और डॉक्टर बनने का सपना बहुत से छात्रों का होता है. लेकिन अगर हम इन दोनों प्रोफेशन की तुलना करें, तो पायलट बनने का खर्च डॉक्टर बनने से कहीं ज्यादा होता है. आइए जानते हैं क्यों पायलट बनना डॉक्टर बनने से महंगा है.

पायलट बनने के लिए कोर्स और फीस
पायलट बनने के लिए आपको एक विशेष ट्रेनिंग और कोर्स से गुजरना पड़ता है. पायलट बनने के लिए आपको फ्लाइट स्कूल में एडमिशन लेना होता है, जहां पर आपको प्रैक्टिकल और थ्योरी दोनों तरह की ट्रेनिंग दी जाती है. इसमें कई सालों की ट्रेनिंग और प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है.
फीस: पायलट बनने की फीस आमतौर पर बहुत ज्यादा होती है. एक Commercial Pilot License (CPL) कोर्स के लिए फीस लगभग 15 लाख से 50 लाख रुपये तक हो सकती है. इसके अलावा, यदि आप किसी प्रतिष्ठित फ्लाइट स्कूल से कोर्स करना चाहते हैं तो यह और भी महंगा हो सकता है. इस फीस में हवाई जहाज उड़ाने की ट्रेनिंग, ग्राउंड स्कूल, इंस्ट्रक्टर की फीस, मेडिकल चेकअप और अन्य खर्च शामिल होते हैं.
कोर्स की अवधि: पायलट बनने के लिए आमतौर पर 2 से 3 साल का समय लगता है. इस दौरान आपको 200 से 250 घंटे की फ्लाइट ट्रेनिंग और कई थ्योरी कोर्स को पूरा करना होता है. इसके बाद ही आपको CPL (Commercial Pilot License) प्राप्त होता है, जो आपको एक पेशेवर पायलट बनाने में मदद करता है.

डॉक्टर बनने के लिए कोर्स और फीस
डॉक्टर बनने के लिए छात्रों को मेडिकल स्कूल में एडमिशन लेना होता है. मेडिकल की पढ़ाई के लिए आपको MBBS (Bachelor of Medicine, Bachelor of Surgery) कोर्स करना होता है, जो भारतीय मेडिकल काउंसिल द्वारा मान्यता प्राप्त होता है.
फीस: डॉक्टर बनने की फीस पायलट के मुकाबले थोड़ी कम होती है. सरकारी कॉलेजों में MBBS कोर्स की फीस करीब 10,000 से 50,000 रुपये तक हो सकती है, जबकि प्राइवेट कॉलेजों में यह फीस 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक हो सकती है. हालांकि, डॉक्टर बनने के लिए फीस के अलावा, आपको मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET) भी पास करनी होती है.
कोर्स की अवधि: MBBS कोर्स 5.5 साल का होता है, जिसमें 1 साल की इंटर्नशिप शामिल होती है. इसके बाद, यदि आप किसी स्पेशलिटी में जाना चाहते हैं, तो PG (Post Graduation) या डिप्लोमा की पढ़ाई करनी होती है, जो 3 से 5 साल तक चल सकती है.
पायलट और डॉक्टर के करियर की तुलना
पायलट का करियर: पायलट बनने के बाद आप विभिन्न एयरलाइंस कंपनियों में काम कर सकते हैं. शुरुआत में सैलरी थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन जैसे-जैसे अनुभव बढ़ता है, सैलरी में भी वृद्धि होती है. एक पायलट की सैलरी लगभग 1 लाख से 5 लाख रुपये प्रति माह हो सकती है, और इसमें अनुभव के अनुसार वृद्धि हो सकती है.
डॉक्टर का करियर: डॉक्टर बनने के बाद आप अस्पतालों, क्लीनिक या सरकारी संस्थाओं में काम कर सकते हैं. शुरुआत में, एक डॉक्टर की सैलरी 40,000 से 1 लाख रुपये प्रति माह हो सकती है, और स्पेशलाइजेशन करने के बाद यह सैलरी बहुत बढ़ जाती है. बड़े शहरों में प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर अच्छी कमाई कर सकते हैं.
प्रक्रिया और चुनौतियां
पायलट बनने की प्रक्रिया: पायलट बनने की प्रक्रिया में, आपको पहले एक मेडिकल फिटनेस टेस्ट, फिर प्रवेश परीक्षा और फिर कई सालों तक ट्रेनिंग करनी होती है. इसके अलावा, फ्लाइट स्कूल में एडमिशन लेना और फिर लाइसेंस प्राप्त करना एक लंबी और महंगी प्रक्रिया है.
डॉक्टर बनने की प्रक्रिया: डॉक्टर बनने की प्रक्रिया में, आपको NEET परीक्षा पास करनी होती है, फिर MBBS कोर्स और अंत में इंटर्नशिप करनी होती है. इसके बाद, स्पेशलाइजेशन की पढ़ाई भी करनी हो सकती है.
सारांश में, पायलट बनने का खर्च अधिक होने का मुख्य कारण इसकी लंबी ट्रेनिंग, फ्लाइट स्कूल की फीस और अन्य संबंधित खर्च हैं. जबकि डॉक्टर बनने के लिए फीस कम होती है, लेकिन दोनों करियर में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत और समय की आवश्यकता होती है. हालांकि, दोनों ही पेशे अपने-अपने तरीके से बहुत सम्मानजनक और आकर्षक हैं.