अभिषेक चतुर्वेदी
बुलडोजर का पहिया खुल गया, स्टीयरिंग का हत्थे से उखड़ गया, इसे अब पार्किंग में परमानेंट खड़ा करने का समय आ गया है, ऐसा कहने वाले जब योगी का नया विकल्प सुनेंगे तो शायद होश उड़ जाएंगे. जेल में बंद मोईद और नवाब जो बुलडोजर पर रोक के बाद खुश हो रहे थे, जिन्हें लग रहा था अब संपत्ति पर नुकसान का मुआवजा भी मांग लेंगे, मुख्तार के घरवाले जो सोच रहे थे अब तो बाकी की अवैध संपत्ति बच जाएगी. उन्होंने जब योगी आदित्यनाथ के नए मॉडल के बारे में सुना तो होश उड़ गए. ये नया मॉडल इतना बड़ा है कि हो सकता है कुछ दिन बाद सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर भी लोग याचिका लगाने पहुंच जाएं.
इस मॉडल में बुलडोजर नहीं पुलिस की एंट्री होगी, ऑपरेशन लंगड़ा या ऑपरेशन मृत्युलोक नहीं चलेगा, बल्कि नए तरह का ऑपरेशन शुरू होगा. छोटा से छोटा आरोपी हो या बड़ा से बड़ा माफिया वो इस मॉडल के आगे भीगी बिल्ली बन जाएगा न सीबीआई को बुलाना होगा न एनआईए को, बल्कि पुलिस ही उससे सारा सच उगलवा लेगी. मध्य प्रदेश और राजस्थान वाले मुख्यमंत्री की तरह योगी आदित्यनाथ नए मॉडल में कोई चूक नहीं करना चाहते और ना ही उन लोगों को जश्न मनाने का मौका देना चाहते हैं. जो अपराधियों के साथ खड़े होकर कहते हैं ये निर्दोष है, इसीलिए योगी नए मॉडल में पहले उन आकाओं की पहचान होगी, जो ऐसा करते हैं, उन आकाओं पर पुलिस का शिकंजा कसने से पहले, उन्हें पब्लिक के सामने ये बताना होगा कि आखिर वो समाज के दुश्मनों का समर्थन क्यों कर रहे हैं.
इसका अभियान योगी ने लगता है शुरू कर दिया है, तभी तो बीते कुछ दिनों से योगी लगातार उन पर हमलावर हैं, जो लड़की के साथ गलत करने वाले, करोड़ों की लूट करने वाले और शांति व्यवस्था बिगाड़ने वालों का साथ दे रहे हैं. योगी अब ये खुलकर कहने लगे हैं कि पहले माफिया सरकार चलाते थे. लेकिन ये बातें तो योगी पहले भी कहते थे, फिर नया मॉडल क्या सिर्फ बयानों वाला है, तो ऐसा नहीं है, बल्कि नया मॉडल योगी की भाषा में कहें तो उल्टा लटकाने वाला है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 12 घंटे के बाद योगी ये साफ-साफ कहते हैं कि इंसाफ जरूर मिलेगा, तो इशारा साफ समझ आता है, बुलडोजर चले न चले, योगी का तरीका नहीं बदलेगा. वो इंसाफ में देरी को बर्दाश्त नहीं करेंगे.
जो लोग बुलडोजर पर रोक लगने से खुश हो रहे थे, मुस्लिम तबके के वो लोग जो जश्न मना रहे थे, वो योगी का नया ऐलान सुन टेंशन में आ चुके हैं. क्योंकि योगी ने बुलडोजर का न सिर्फ विकल्प ढूंढा है, बल्कि ये भी बता दिया कि जैसे बुलडोजर मॉडल हिट हुआ था, वैसे ही नया वाला भी हिट हो सकता है. अब न घर गिरेगा, न राजस्व विभाग को जमीन की पैमाइश का जिम्मा मिलेगा, लेकिन इंसाफ में देरी नहीं होगी. योगी सरकार में मंत्री अनिल राजभर दावे के साथ कहते हैं...विपक्ष को ज्यादा उत्साहित होने की जरूरत नहीं है. उनका भ्रम जल्दी टूटने वाला है. यूपी में उपद्रव करने वालों की मानसिकता पर लगाम लगाने के लिए हमलोग कोई नया रास्ता निकालेंगे. कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं.
अगर आपने फैसले पर गौर किया हो, तो ये साफ हो गया कि सुप्रीम कोर्ट ने 1 अक्टूबर तक अभी रोक लगाई है, यानि ये टेंपोरेरी है,पर अखिलेश यादव इसे ऐसा बताने की कोशिश कर रहे हैं, जैसे बुलडोजर परमानेंट पार्किंग में खड़ा होने वाला है, योगी से बड़ा हथियार छीनने वाला है, अखिलेश सिर्फ यही नहीं कहते वो तो एसटीएफ का नया नामकरण भी कर देते हैं और नया नाम देते हैं स्पेशल ठाकुर फोर्स. जिसका सीधा सा मतलब है बुलडोजर के बाद अब अखिलेश यादव की नजर एसटीएफ पर है.
इसीलिए मंगेश यादव केस के बाद से वो लगातार डीके शाही की चप्पल वाली तस्वीर पर बोल रहे हैं, उसके परिवार से मिल रहे हैं, और ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि एसटीएफ ने गलती की है, लेकिन मंगेश ने जिन लोगों के साथ अपने जीवन में गलत किया, क्या अखिलेश कभी उसके साथ खड़े हुए, ये भी अखिलेश और उनकी पार्टी को सोचना चाहिए.