नई दिल्ली: झारखंड के सिमडेगा जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला को गंभीर रूप से घायल अवस्था में जंगल में पाया गया. महिला की पहचान ओडिशा की मीरा तिर्की के रूप में हुई है. मीरा एक शादीशुदा पुरुष बागे की दूसरी पत्नी के रूप में रह रही थी. उनके रिश्ते को लेकर परिवार में बार-बार विवाद हो रहे थे. मंगलवार को गांव में एक खाप पंचायत बुलाई गई थी ताकि इस मामले का निपटारा किया जा सके. लेकिन इस बैठक के बाद मीरा पर हमला कर दिया गया. महिला के गले को धारदार हथियार से रेत दिया गया और उन्हें जंगल में मरने के लिए छोड़ दिया गया.
खाप पंचायत क्या है?
खाप पंचायतें एक पारंपरिक सामुदायिक व्यवस्था हैं, जिसमें गांव के बुजुर्ग या समुदाय के नेता सामाजिक विवादों को सुलझाते हैं. ये पंचायतें सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं हैं, लेकिन गांवों में इनका सामाजिक प्रभाव बहुत अधिक होता है. इस मामले में, खाप पंचायत के फैसले के बाद मीरा पर हमला हुआ. पुलिस का कहना है कि यह हमला पंचायत के "तालिबानी" फैसले का परिणाम हो सकता है, हालांकि इसकी पुष्टि के लिए अभी जांच चल रही है.
पुलिस ने शुरू की जांच
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मीरा को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. सिमडेगा के पुलिस अधीक्षक मोहम्मद अर्शी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "कुछ लोगों ने बताया है कि पंचायत ने एक तुगलकी फरमान (कठोर आदेश) जारी किया था, लेकिन इसकी पुष्टि अभी बाकी है. हमारी पहली प्राथमिकता पीड़िता को उचित इलाज दिलाना था. हमने दोषी को पकड़ने के लिए एक टीम बनाई है और मामले की गहन जांच की जाएगी."
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उप पुलिस अधीक्षक रणवीर सिंह ने कहा कि महिला का इलाज चल रहा है और उसका पति फरार है. उसे पकड़ने के लिए दो पुलिस टीमें बनाई गई हैं. दोषी को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा. कानून अपना काम करेगा. पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और दोषियों को पकड़ने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है.
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साथ ही, इस घटना ने समाज में जागरूकता फैलाने की जरूरत को उजागर किया है ताकि खाप पंचायतों जैसे गैर-कानूनी और दमनकारी तंत्रों को रोका जा सके. मीरा की हालत अभी भी नाजुक है, और उनके ठीक होने की कामना की जा रही है. यह घटना एक चेतावनी है कि सामाजिक सुधार और कानून के शासन को मजबूत करने की जरूरत है ताकि ऐसी त्रासदियां दोबारा न हों.
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