ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य उपकरणों के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है. यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YIDA) के सेक्टर-28 में बन रहे देश के पहले मेडिकल डिवाइस पार्क (MDP) में आखिरकार पहली मैन्युफैक्चरिंग यूनिट ने काम शुरू कर दिया है. इस मेगा प्रोजेक्ट को गति मिलने से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है.

YIDA के सीईओ राकेश कुमार सिंह ने क्रिश बायोमेडिकल कंपनी की इस नई इकाई का औपचारिक उद्घाटन फीता काटकर किया, जो अब उत्पादन की दौड़ में शामिल हो गई है. यह फैक्ट्री मुख्य रूप से रक्त जांच से जुड़े डिवाइसेज पर काम करेगी. यहां सेंट्रीफ्यूज मशीन (जिससे खून को प्लाज्मा में अलग किया जाता है), -86 डिग्री तक ठंडा रखने वाले अल्ट्रा लो-टेम्परेचर फ्रीजर, कोल्ड चेन सिस्टम वाले फ्रिज और अन्य रेफ्रिजरेटर्स का निर्माण होगा.

कंपनी ने शुरुआती चरण में 6 करोड़ रुपये का निवेश किया है, और मासिक उत्पादन लक्ष्य रखा गया है 2,000 यूनिट्स का है. मालिक शरद जैन का कहना है कि उनका मकसद भारत को मेडिकल डिवाइसेस में स्वावलंबी बनाना है. उन्होंने बताया कि "यह यूनिट उसी सफर की पहली मंजिल है." उद्घाटन समारोह के ठीक बाद पार्क में नए अवसरों का द्वार खुला. YIDA के कार्यालय में एसीईओ नगेंद्र प्रताप सिंह की देखरेख में 12 भूखंडों की लॉटरी निकाली गई.

मूल योजना में 21 प्लॉट्स शामिल थे, लेकिन कैंसर डिवाइसेस जैसी स्पेशल कैटेगरी में कोई आवेदन न आने से सिर्फ 12 ही आवंटित हो सके. बचे हुए प्लॉट्स को जल्द ही नई स्कीम में दोबारा ऑफर किया जाएगा. सेक्टर-28 में करीब 350 एकड़ क्षेत्र में फैले इस पार्क का फोकस पूरी तरह मेडिकल उपकरणों के निर्माण पर है. केंद्र सरकार की ओर से 100 करोड़ रुपये की फंडिंग मिल चुकी है.

अब तक कुल 89 प्लॉट्स का अलॉटमेंट हो चुका है, जो प्रोजेक्ट की लोकप्रियता का आईना है. अधिकारियों के मुताबिक, जनवरी 2026 तक पूरा पार्क चालू हो जाएगा, जिससे हजारों नौकरियां पैदा होंगी और यूपी मेडिकल हब के रूप में उभरेगा.यह विकास न सिर्फ स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि 'मेक इन इंडिया' को भी नई गति देगा. निवेशक और उद्यमी अब इस पार्क पर नजरें गड़ाए हुए हैं.