नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने किसानों के दिल्ली मार्च पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार उनकी समस्याओं को सुनने और समाधान निकालने के लिए पूरी तरह से तैयार है. पासवान ने किसानों से शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रखने की अपील की और कहा कि सरकार पहले भी उनकी आपत्तियों को समझते हुए कृषि कानूनों को वापस ले चुकी है, और अब भी वह संवाद के जरिए समाधान के लिए तत्पर है.
किसान विभिन्न संगठन के तहत पांच प्रमुख मांगों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं, जिनमें बेहतर मुआवजा, रोजगार के अवसर, भूमिहीन परिवारों का पुनर्वास, बसे हुए क्षेत्रों का उचित प्रबंधन और भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन की मांग प्रमुख हैं. यह आंदोलन यमुना प्राधिकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का अंतिम चरण है, जिसमें करीब 30,000 किसानों ने भाग लिया. इन किसानों की जमीन यमुना एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई थी, और वे एक दशक से मुआवजे और अन्य वादों के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं.
चिराग पासवान ने इस प्रदर्शन के दौरान किसानों से टकराव के बजाय संवाद के जरिए समाधान निकालने की बात की. उन्होंने कहा कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है, और प्रदर्शनकारियों को अपनी मांगें शांतिपूर्ण तरीके से सरकार के सामने रखने की अपील की.
इस आंदोलन के दौरान संसद के शीतकालीन सत्र में कृषि क्षेत्र की चुनौतियों और ग्रामीण-शहरी विभाजन से संबंधित मुद्दे भी प्रमुख हो गए हैं. दिल्ली के कई इलाकों में किसानों के प्रदर्शन के कारण यातायात प्रभावित हुआ है, जिससे आम लोगों को असुविधा हो रही है.
किसानों का यह प्रदर्शन उनके लिए अपनी समस्याओं को सरकार के सामने रखने का एक महत्वपूर्ण मौका है, और यह सरकार के लिए भी एक संकेत है कि कृषि क्षेत्र के हितों को संरक्षित करने और किसानों की चिंताओं का समाधान करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए.