नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले से एक चौंकाने वाली घटना ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. स्थानीय भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला प्रमुख और जनपद प्रतिनिधि भगवतीलाल सुरावत पर एक ग्रामीण महिला ने भयानक आरोप लगाए हैं. पीड़िता का दावा है कि सुरावत ने सीतामऊ थाना इलाके के एक गांव में उसके स्नानघर में जबरन प्रवेश कर अशोभनीय व्यवहार किया.
महिला की तहरीर पर जिला पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार मीणा के आदेश से सोमवार को सीतामऊ पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. मामले की प्रारंभिक जांच पुलिस द्वारा जारी है, जिसमें सभी पहलुओं पर गौर किया जा रहा है. फिलहाल सुरावत पुलिस हिरासत से बाहर हैं और उनकी तलाश की जा रही है. सीतामऊ के उपविभागीय पुलिस अधिकारी दिनेश प्रजापति ने पुष्टि की कि शिकायत के आधार पर कानूनी कार्रवाई शुरू हो चुकी है, लेकिन विस्तृत पूछताछ बाकी है.
एफआईआर के तुरंत बाद आरोपी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी कर खुद को बेकसूर बताते हुए पूरे प्रकरण को दुश्मनी का नतीजा करार दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सब एक पुराने भूमि विवाद से उपजा है, जिसमें 29 सितंबर को जमीन की मापी होनी थी. सुरावत का कहना है कि विरोधी तत्वों ने उन्हें बदनाम करने के लिए यह चाल चली है.
भाजपा के जिला प्रमुख राजेश दीक्षित ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए पीड़िता के दावों को मनगढ़ंत बताया. उन्होंने प्रशासन से निष्पक्ष और त्वरित जांच की अपील की, ताकि सच्चाई सामने आ सके. जिला एसपी विनोद मीणा ने आश्वासन दिया कि प्रक्रिया पूरी होने पर उचित कदम उठाए जाएंगे, और कोई भी दोषी सिद्ध होने पर बख्शा नहीं जाएगा.
यह घटना स्थानीय स्तर पर बहस छेड़ रही है, जहां एक ओर महिला सुरक्षा के मुद्दे पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक साजिश के दावे भी जोर पकड़ रहे हैं. पुलिस का कहना है कि जल्द ही नई जानकारियां सामने आ सकती हैं.