यमन में हैजा के मामलों ने नया रिकॉर्ड बनाया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 की शुरुआत से अब तक 2,49,900 संदिग्ध हैजा के मामले सामने आए हैं, जिनमें 861 मौतें शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि ये मामले वैश्विक हैजा संक्रमण का 35% और रिपोर्ट की गई मृत्यु दर का 18% हैं.
यमन में पिछले कई वर्षों से हैजा का संक्रमण जारी है. 2017 से 2020 के बीच यहां सबसे बड़ा हैजा का प्रकोप देखा गया था. WHO की ताजा रिपोर्ट बताती है कि नवंबर 2024 में दर्ज मामलों और मौतों की संख्या नवंबर 2023 की तुलना में क्रमश: 37% और 27% अधिक रही है.
संकट और चुनौतियां
WHO के यमन प्रतिनिधि डॉ. आर्टुरो पेसिगन ने कहा कि हैजा और अन्य जलजनित बीमारियां पहले से ही कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली पर अतिरिक्त दबाव डाल रही हैं. फंडिंग की कमी के कारण WHO और मानवीय संगठनों को जरूरतों को पूरा करने में मुश्किल हो रही है.
सुरक्षित पानी की अनुपलब्धता, खराब स्वच्छता प्रथाएं और समय पर इलाज की सीमित पहुंच इस बीमारी को रोकने और नियंत्रित करने के प्रयासों में सबसे बड़ी बाधा बन रही हैं.
हैजा के लक्षण
हैजा के लक्षणों में दस्त, मतली, उल्टी, निर्जलीकरण और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन शामिल हैं. गंभीर मामलों में मांसपेशियों में ऐंठन भी हो सकती है. हैजा का कारण विब्रियो कोलेरी नामक बैक्टीरिया है, जो छोटी आंत में विष पैदा करता है. यह विष शरीर में पानी की अत्यधिक कमी करता है, जिससे रोगी की हालत गंभीर हो सकती है.
बचाव के उपाय
हैजा से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखें:
साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोएं, खासतौर पर शौचालय के उपयोग के बाद और भोजन बनाने से पहले.
केवल साफ पानी पिएं. उबला या कीटाणुरहित पानी बेहतर विकल्प है.
पूरी तरह पका और गर्म भोजन खाएं.
स्ट्रीट वेंडर्स के खाने से बचें.यमन में लगातार बिगड़ती स्थिति ने स्वास्थ्य और स्वच्छता की ओर ध्यान देने की आवश्यकता को और भी जरूरी बना दिया है. जागरूकता और सावधानी से ही इस गंभीर बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है.