पटना: विधानसभा चुनाव प्रचार के बीच बिहार का मौसम फिर से उग्र हो गया है. बंगाल की खाड़ी में पैदा हुआ चक्रवाती तूफान 'मोन्था' मंगलवार को आंध्र प्रदेश तट से टकरा चुका है और अब उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए राज्य की ओर आ रहा है. मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दो दिनों में कई इलाकों में मूसलाधार वर्षा, 30-40 किमी/घंटा की रफ्तार वाली हवाएं और गरज-चमक के साथ बिजली गिरने का खतरा बना रहेगा.
अक्टूबर का अंतिम पखवाड़ा बिहार के लिए मौसम की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है. मोन्था अब ओडिशा, छत्तीसगढ़ व झारखंड पार कर बिहार पहुंचने वाला है. सीमा में दाखिल होते ही यह कमजोर होकर निम्न दबाव क्षेत्र बन जाएगा, लेकिन इसका असर पूरे राज्य में झमाझम बारिश के रूप में दिखेगा. 30 अक्टूबर को दक्षिणी हिस्सों, जमुई, बांका, मुंगेर, भागलपुर आदि में रेड अलर्ट है, जबकि 31 अक्टूबर को पटना, गया, कटिहार, पूर्वी-पश्चिमी चंपारण समेत कई जिले भीषण वर्षा की चपेट में रहेंगे.
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, सोमवार रात यह गंभीर चक्रवात बना और मंगलवार सुबह काकीनाडा-मछलीपट्टनम तट से टकराया. 100-110 किमी/घंटा की हवाओं ने तटीय क्षेत्रों में पेड़ उखाड़ दिए, बिजली गुल कर दी और भूस्खलन की घटनाएं हुईं. अब यह कमजोर पड़ते हुए उत्तर की ओर बढ़ रहा है और मंगलवार रात तक बिहार की सीमाओं के नजदीक होगा.
मोन्था नाम थाई भाषा में सुगंधित पुष्प को कहते हैं, पर इस बार यह सुगंध नमी, बारिश और तूफान के साथ बिहार ला रहा है. इसका असर पहले ही दक्षिण भारत, झारखंड व पश्चिम बंगाल में दिख चुका है. किसानों को सलाह दी गई है कि वो खरीफ फसल की कटाई शीघ्र पूरी करें, अनाज सुरक्षित गोदामों में रखें. खुले में रखे गेहूं-धान को तिरपाल से ढकें. सब्जी उत्पादकों से तीन-चार दिन सिंचाई न करने, नालों की सफाई कराने की अपील.
तूफान के दौरान खुले मैदान, पेड़ों के नीचे या बिजली के खंभों से दूर रहें. घर में रहें, मोबाइल-इलेक्ट्रॉनिक्स का कम उपयोग करें. निचले इलाकों में जलभराव की आशंका पर प्रशासन ने राहत टीमें तैनात की हैं, जिला कंट्रोल रूम सक्रिय.बारिश के बाद तापमान में 3-4 डिग्री की गिरावट आएगी, नवंबर की शुरुआत ठंडी हवाओं के साथ होगी. मानसून वापसी के बाद यह राज्य में सबसे व्यापक वर्षा होगी—अब तक 128 मिमी बारिश दर्ज. सुबह-शाम हल्की सिहरन शुरू हो सकती है.