Delhi CAG Report: जिस कैग रिपोर्ट के सहारे अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में अपनी सत्ता बनाई थी, क्या अब वही कैग रिपोर्ट उन्हें जेल भेजने का भी काम करेगी. यही चर्चा आज दिल्ली की गलियों में हो रही है. क्योंकि रेखा गुप्ता ने सीएम बनते ही दिल्ली की विधानसभा में CAG की रिपोर्ट को पेश किया है. इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिन्होंने केजरीवाल और उनकी पार्टी पर सवालों की तीखी तलवार लटका दी है. दावा किया जा रहा है कि दिल्ली में शराब नीति बदलने से 202 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है.
CAG रिपोर्ट में क्या है?
ये तो कुछ शारब घोटाले से जुड़े खुलासे थे. इसके साथ ही केजरीवाल की हार का एक कारण रहे शीशमहल पर भी रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं. आपको ये भी जानना चाहिए कि शीशमहल पर क्या कुछ खुलासा हुआ है.
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद केजरीवाल की मुसीबतें तो बढ़ती दिख ही रही हैं. इसके साथ ही लोगों ने ये भी कहना शुरू कर दिया है कि यही वो रिपोर्ट है जिसके सहारे केजरीवालन शीला सरकार को गिराया था. ये रिपोर्ट जिस वक्त विधानसभा में पेश की जा रही थी. उससे पहले आतिशी समेत 12 विधायकों को विधानसभा से निलंबित भी दिया गया था. दरअसल विधानसभा में LG वीके सक्सेना का अभिभाषण चल रहा था. उसी वक्त आप विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. लगातार बढ़ते हंगामे के बाद स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने इन हंगामा कर रहे विधायकों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया. निलंबन के बाद आतिशी ने भी बीजेपी पर कई आरोप लगाए.. इस दौरान वो दलित कार्ड खेलती हुई भी दिखाई दीं.
आतिशी ने कहा कि बीजेपी ने अपना असली चेहरा दिखा दिया है. दिल्ली विधानसभा और दिल्ली सचिवालय में बने मुख्यमंत्री कार्यालय से बाबा साहेब की तस्वीरों को हटा दिया गया है. वहां पीएम मोदी की तस्वीरें लगाई गई हैं. बीजेपी को लगता है कि मोदी जी, बाबा साहेब से ज्यादा बड़े हैं, और उनकी जगह ले सकते हैं. एक समय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में कहा था कि अंबेडकर-अंबेडकर बोलते रहते हैं. सिरसा जी के कार्यालय से, कपिल मिश्रा के कार्यालय से बाबा साहेब और भगत सिंह की तस्वीर हट गई है. इन्हें इस बात का जवाब देना होगा.
आतिशी ने बीजेपी और पीएम मोद पर आरोप तो लगा दिये हैं. लेकिन इसके अलावा उन्होंने CAG की रिपोर्ट पर चुप्पी साध ली. आतिशी से जब रिपोर्ट के बारे में पूछा गया तो सिर्फ एक लाइन में जवाब दे दिया कि ये एक रूटीन प्रक्रिया है. लेकिन यहां ये भी समझना जरूरी है कि अगर कैग रिपोर्ट एक रूटीन प्रक्रिया है तो फिर केजरीवाल सरकार ने इसे लगातार जारी क्यों नहीं किया? क्यों 2017-18 से दिल्ली में कैग की रिपोर्ट पेश नहीं की गई. ये सारे सवाल भी आम आदमी पार्टी के सामने खड़े हो रहे हैं. साथ ही रिपोर्ट सामने आने के बाद आप की मुश्किलें तो बढ़ती ही जा रही हैं.