नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र के पहले दिन उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. धनखड़ ने सोमवार देर रात स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया और मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता नहीं की. उनकी अनुपस्थिति में उपसभापति हरिवंश ने सदन की कमान संभाली.
74 वर्षीय धनखड़, जिनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक था, ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में कहा, "स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं भारत के उपराष्ट्रपति के पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं." उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिपरिषद के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया, साथ ही अपने कार्यकाल को भारत के आर्थिक प्रगति के दौर में सेवा का "सच्चा सम्मान" बताया.
इस्तीफे के पीछे और कारण
धनखड़ का इस्तीफा अप्रत्याशित रहा, क्योंकि उन्होंने दिन में राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता की थी, जिसमें उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर चर्चा की और पांच नए सदस्यों को शपथ दिलाई. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया कि धनखड़ महत्वपूर्ण बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) की दूसरी बैठक में जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू की अनुपस्थिति से नाराज थे. रमेश ने कहा, "धनखड़ को व्यक्तिगत रूप से मंत्रियों की अनुपस्थिति की सूचना नहीं दी गई थी, जिसके कारण उन्होंने नाराजगी जताई."
कांग्रेस के गौरव गोगोई ने इस्तीफे को "अचानक और चौंकाने वाला" करार देते हुए सरकार से पारदर्शिता और सुचारु हस्तांतरण की योजना पर स्पष्टीकरण मांगा. डीएमके सांसद टीआर बालू और आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने संकेत दिया कि धनखड़ का इस्तीफा "दबाव" में हो सकता है. वहीं, नड्डा ने स्पष्ट किया कि उनकी और रिजिजू की अनुपस्थिति के बारे में उपराष्ट्रपति के कार्यालय को पहले सूचित किया गया था, और उनका राज्यसभा में बयान, "केवल वही रिकॉर्ड पर जाएगा जो मैं कहूंगा," विपक्ष के व्यवधान के जवाब में था, न कि सभापति के खिलाफ.
बता दें कि संसद के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा, जिसमें विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर तत्काल चर्चा की मांग की. सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर पर अगले सप्ताह 16 घंटे की चर्चा के लिए सहमति दी है. इसके अलावा, बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सांसदों ने मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया.
धनखड़ के इस्तीफे के बाद, संविधान के अनुच्छेद 68(2) के अनुसार, उपराष्ट्रपति के पद के लिए छह महीने के भीतर चुनाव होना होगा. तब तक उपसभापति हरिवंश राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता करेंगे. धनखड़, जो 2022 में 14वें उपराष्ट्रपति बने थे, अपने कार्यकाल में विपक्ष के साथ कई विवादों में रहे. दिसंबर 2024 में विपक्ष ने उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया था, जिसे उपसभापति हरिवंश ने खारिज कर दिया था.
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