केरल में इस खतरनाक वायरस की वापसी, 42 साल की महिला में दिखे गंभीर लक्षण, घर के 3 किलोमीटर के दायरे में कंटेनमेंट जोन घोषित

Amanat Ansari 09 May 2025 04:50: PM 3 Mins
केरल में इस खतरनाक वायरस की वापसी, 42 साल की महिला में दिखे गंभीर लक्षण, घर के 3 किलोमीटर के दायरे में कंटेनमेंट जोन घोषित

नई दिल्ली: केरल के मलप्पुरम जिले में निपाह वायरस का एक मामला सामने आने के बाद हड़ंकप मच गया है. स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि वलांचेरी नगरपालिका क्षेत्र की 42 वर्षीय एक महिला में निपाह वायरस की पुष्टि हुई है. वह वर्तमान में पेरिंथलमन्ना के एक अस्पताल में इलाज करा रही हैं. खबर मिलने के बाद स्थानीय लोगों और प्रशासन के लोग सतर्क हो गए हैं, क्योंकि निपाह वायरस एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है. महिला को सबसे पहले 25 अप्रैल को बुखार हुआ, जिसके बाद वह एक निजी क्लिनिक में गईं. डॉक्टर की सलाह पर उन्हें 1 मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया.

शुरुआती टेस्ट में निपाह वायरस का संदेह हुआ, जिसकी पुष्टि बाद में पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने की. इस पुष्टि के बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी. केरल की आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने महिला के घर के आसपास तीन किलोमीटर के दायरे को कंटेनमेंट जोन घोषित किया है. इस क्षेत्र में वलांचेरी नगरपालिका, मरक्कारा, एडयूर, और अथवनद पंचायतों के कुछ वार्ड शामिल हैं. 8 मई को राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय बैठक हुई, जिसमें जिला कलेक्टर वीआर विनोद ने कंटेनमेंट जोन में सख्त प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया.

इन प्रतिबंधों के तहत लोगों को सार्वजनिक समारोहों से बचने, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कहा गया है. कंटेनमेंट जोन में स्कूल, मदरसे और आंगनवाड़ी केंद्र अगले आदेश तक बंद रहेंगे. स्वास्थ्य मंत्री ने मलप्पुरम का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि महिला के सात करीबी संपर्कों, जिनमें परिवार के सदस्य भी शामिल हैं, के 21 नमूनों की जांच की गई और सभी नकारात्मक आए हैं. यानी अभी तक इन लोगों में वायरस नहीं पाया गया है. डॉक्टरों ने सुझाव दिया है कि मरीज का इलाज मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज से किया जाए, लेकिन इसके लिए अस्पताल की नैतिकता समिति की मंजूरी जरूरी है. स्वास्थ्य विभाग ने 25 विशेष टीमें बनाई हैं, जो मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता लगा रही हैं.

अधिकारियों का मानना है कि वायरस के व्यापक प्रसार का खतरा कम है, लेकिन फिर भी सावधानी बरती जा रही है. सभी उच्च-जोखिम और निम्न-जोखिम वाले संपर्कों की 21 दिनों तक निगरानी की जाएगी. इसके अलावा, वलांचेरी और आसपास के इलाकों में बुखार सर्वेक्षण भी किया जाएगा, ताकि अगर कोई और व्यक्ति बीमार हो तो उसकी जल्दी पहचान हो सके. कंटेनमेंट जोन में व्यावसायिक प्रतिष्ठान सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक ही खुले रह सकते हैं. हालांकि, मेडिकल स्टोर पर यह प्रतिबंध लागू नहीं है. अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि शादी या अंतिम संस्कार जैसे जरूरी आयोजनों में सामाजिक दूरी बनाए रखें. अगर किसी को बुखार या अन्य लक्षण दिखें, तो खुद दवा लेने के बजाय रजिस्टर्ड डॉक्टर से सलाह लें.

स्वास्थ्य विभाग यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि वायरस का स्रोत क्या है. पशुपालन विभाग ने क्षेत्र में मिली एक मरी हुई बिल्ली की जांच शुरू की है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसका इस मामले से कोई संबंध है या नहीं. लोगों को सलाह दी गई है कि वे जमीन पर गिरे हुए या जानवरों द्वारा आंशिक रूप से खाए गए फल न खाएं, क्योंकि निपाह वायरस अक्सर चमगादड़ों से फैलता है और फल इसका माध्यम बन सकते हैं.

यह केरल में निपाह वायरस का पहला मामला नहीं है. 2018 में राज्य में इस वायरस का पहला बड़ा प्रकोप देखा गया था, जिसमें 16 लोगों की मौत हो गई थी. तब से स्वास्थ्य विभाग खासतौर पर मई के महीने में सतर्क रहता है, क्योंकि इस समय वायरस के मामले सामने आने की संभावना ज्यादा रहती है. जिला पुलिस प्रमुख को कंटेनमेंट जोन में नियमों का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं. ये प्रतिबंध अगले आदेश तक लागू रहेंगे.

प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग मिलकर स्थिति पर नजर रख रहे हैं और लोगों से सहयोग की अपील कर रहे हैं, ताकि वायरस को और फैलने से रोका जा सके. लोगों से अनुरोध है कि वे घबराएं नहीं, बल्कि सावधानी बरतें. मास्क पहनें, स्वच्छता का ध्यान रखें और स्वास्थ्य विभाग के दिशानिर्देशों का पालन करें.

Nipah virus Kerala Malappuram containment zone

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