नई दिल्ली: कौशांबी की चायल सीट से विधायक पूजा पाल उस समय चर्चा में आईं, जब उन्होंने विधानसभा में माफिया अतीक अहमद की हत्या के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की. इस बयान के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के निर्देश पर उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया. इसके बाद जौनपुर की मछलीशहर सीट से सपा विधायक रागिनी सोनकर ने पूजा पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने जनता और पार्टी का विश्वास तोड़ा. पूजा ने इसका जवाब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तीखे अंदाज में दिया.
पूजा पाल का पलटवार
पूजा ने बिना नाम लिए X पर लिखा कि कुछ लोग जो अपने पिता की विरासत के दम पर विधायक बने, उन्हें जवाब देने का कोई मतलब नहीं. उन्होंने कहा कि जब वह न्याय के लिए कोर्ट-कचहरी में संघर्ष कर रही थीं, तब कुछ लोग अपने पिता की गाड़ी से बड़े कॉलेज पढ़ने जाते थे. पूजा ने खुद को सपा के PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) का हिस्सा बताते हुए कहा कि उन्होंने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई, जबकि कुछ लोग उसी माफिया के घर चाय पीने जाते थे.
रागिनी सोनकर ने क्या कहा?
रागिनी ने पूजा के निष्कासन का समर्थन करते हुए कहा कि पूजा ने सपा के समर्थन और जनता के वोट से जीत हासिल की थी, लेकिन अब उन्होंने पार्टी की विचारधारा के खिलाफ जाकर मुख्यमंत्री की तारीफ की. यह विश्वासघात है. रागिनी ने कहा कि पार्टी ने पहले उनके गलत वोट को नजरअंदाज किया, लेकिन अब खुले तौर पर पार्टी लाइन के खिलाफ बयान देने पर कार्रवाई जरूरी थी. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह पुरुष-महिला का मामला नहीं, बल्कि गलत को गलत कहने की बात है.
कौन हैं रागिनी सोनकर?
रागिनी सोनकर जौनपुर की मछलीशहर सीट से सपा विधायक हैं. उन्होंने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज से MBBS और दिल्ली के AIIMS से नेत्र रोग में विशेषज्ञता हासिल की है. उनकी शादी डॉक्टर संबित मलिक से हुई है. उनके पिता कैलाश नाथ सोनकर वाराणसी की अजगरा सीट से 15 साल तक सुभासपा विधायक रहे. रागिनी ने 2022 में सपा जॉइन की और उसी साल मछलीशहर से बीजेपी के मजबूत उम्मीदवार मेहीलाल गौतम को 8,484 वोटों से हराया. उनके प्रचार में अखिलेश और डिंपल यादव भी शामिल हुए थे. विधानसभा में वह तथ्यों के साथ बीजेपी पर हमला बोलती हैं.
अखिलेश को भी पूजा का जवाब
पूजा के निष्कासन पर अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें अब बीजेपी में टिकट पक्का कर लेना चाहिए. जवाब में पूजा ने कहा कि उन्हें चुनावी टिकट की चिंता नहीं, बल्कि अपने पति के हत्यारों को सजा मिलने की खुशी है.
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