जयपुर: राजस्थान में धर्मांतरण के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे. भाजपा सरकार द्वारा हाल ही में विधानसभा से पारित धर्मांतरण विरोधी विधेयक को राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही कड़ा कानून लागू हो जाएगा, जिसमें जबरन परिवर्तन कराने वालों को उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है. लेकिन कानून प्रभावी होने से ठीक पहले ही एक के बाद एक ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं.
बीकानेर में ईडी की छापेमारी में करोड़ों के अवैध लेन-देन के साथ धर्मांतरण के सुराग मिले थे, वहीं रविवार शाम जयपुर के प्रताप नगर में भी इसी तरह का विवाद भड़क उठा. संदिग्ध गतिविधियों के आरोप में कॉलोनी वासियों ने एक मकान को घेर लिया, जिससे हंगामा मच गया. रात भर थाने पर सैकड़ों लोग जमा रहे, लेकिन पुलिस ने अभी तक आरोपों की पुष्टि से इनकार किया है.
प्रताप नगर सेक्टर-8 के एक आवासीय मकान के ऊपरी हिस्से में बने हॉल में लगातार लोगों का जमावड़ा लग रहा था. स्थानीय निवासियों को शक हुआ कि यहां धार्मिक भावनाओं को भड़काकर या दबाव डालकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. संदेह की पुष्टि के लिए कॉलोनी के लोग एकत्रित हुए और मकान को घेर लिया. कुछ लोग सीढ़ियां चढ़कर हॉल तक पहुंच गए, जिससे अंदर मौजूद लोग घबरा गए और बाहर भागने लगे.
इसी दौरान दो गुटों के बीच धक्कमुक्की और तीखी बहस हो गई. स्थानीय लोगों का दावा है कि मकान में रहने वाले परिवार को पहले ही चेतावनी दी गई थी कि ऐसी संदिग्ध सभाएं न आयोजित करें, लेकिन गतिविधियां रुकने का नाम नहीं ले रही थीं. शोर-शराबे की सूचना पाकर प्रताप नगर थाना पुलिस फौरन पहुंची और दोनों पक्षों के लोगों को हिरासत में लेकर थाने ले आई. सोशल मीडिया पर यह खबर फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिए वायरल हो गई, जिसके बाद रात नौ बजे से ही थाने के बाहर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई.
दर्जनों ग्रामीण और शहरवासी नारे लगाते हुए न्याय की मांग करने लगे. एडिशनल डीसीपी आशाराम चौधरी ने बताया कि दोनों पक्षों से शिकायतें दर्ज की जा रही हैं. प्रारंभिक जांच में धर्मांतरण का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है, लेकिन पूरी घटना की गहन पड़ताल की जा रही है. शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त फोर्स तैनात है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहला मौका नहीं है जब ऐसी शिकायतें सामने आई हैं.
वे चाहते हैं कि पुलिस निगरानी बढ़ाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो. एक निवासी ने कहा कि हमारी कॉलोनी में शांति भंग न हो, इसके लिए तुरंत कदम उठाए जाएं. पुलिस ने मामला संज्ञेय अपराध के रूप में दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, जिसमें हॉल में आयोजित सभाओं के रिकॉर्ड और वीडियो फुटेज की भी जांच शामिल है. राजस्थान सरकार ने 'मिशन शक्ति' और अन्य अभियानों के तहत सामाजिक सद्भाव बनाए रखने पर जोर दिया है, लेकिन लगातार सामने आ रहे ऐसे मामले चिंता बढ़ा रहे हैं. अगर आपको ऐसी कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो तुरंत 100 या नजदीकी थाने पर सूचना दें.
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