हाथरस वाले बाबा को कौन बचा रहा है ये सवाल सीएम योगी भी अपने अधिकारियों से पूछ रहे हैं, पर कोई जवाब देने को तैयार नहीं है. मूंछ वाले सिंघम आईपीएस औऱ हाथरस के एसपी-डीएम के भी होश उड़े हुए हैं. साल 2017 में ये शायद पहली बार है, जब किसी इतनी बड़ी घटना के बाद बाबा का बुलडोजर रास्ता ढूंढ रहा है और उसे गरजने का मौका ही नहीं मिल रहा है. वो कोई घर या आश्रम नहीं तोड़ रहा है.
तो सवाल है कि बाबा के बुलडोजर से नारायण साकार हरि को बचा कौन रहा है. ख़बर यहां तक है कि यूपी के एक बड़े नेता ने सीएम योगी के खास को फोन भी किया है और कहा कि प्लीज बुलडोजर रोक लीजिए. बाबा को बचाने की कोशिश करने वाले ये लोग कौन हो सकते हैं.
सीएम योगी खुद इसे हादसा या साजिश बता रहे हैं. जब योगी की पुलिस कई दिनों से इसकी तह तक पहुंचने की कोशिश में जुटी है, तो प्रोफेसर रामगोपाल यादव ये ऐसे कह सकते हैं कि हादसे होते रहते हैं. क्या रामगोपाल यादव अखिलेश से भी ज्यादा बाबा से प्रभावित हैं. अखिलेश यादव बाबा के जयकारे लगाते हैं. ये वीडियो पूरे देश ने देखा है. खुद अखिलेश भी बाबा पर काफी बच-बचाकर बोलते हैं.
अगर कोई औऱ घटना होती औऱ बाबा ये जाटव समुदाय के नहीं होते तो शायद विपक्ष अब तक इस मामले में कई बड़ी मांगें कर चुका होता. सड़कों पर उसके कार्यकर्ता तूफान की तरह उमड़ पड़ते, लेकिन कई जानकार कहते हैं कि सूरजपाल बाबा चूंकि जाटव समुदाय से हैं औऱ विपक्ष के कई नेताओं के लिए वोटबैंक बने हुए हैं इसलिए कोई भी सीधा बाबा की गिरफ्तारी की मांग नहीं उठा पा रहा है, पर यूपी की जनता यहां इन 5 बड़े सवालों का जवाब इन नेताओं से जरूर पूछना चाहेगी.
सवाल नंबर 1- जब पीड़ित दलित हो या दूसरे समुदाय का हो तो विपक्ष न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर उतर जाता है,. यहां सैकड़ों दलित महिलाओं की मौत हुई. आरोपी बाबा भी दलित है तो क्या यहां विपक्ष इंसाफ नहीं दिलवा पाएगा?
सवाल नंबर 2- क्या कोई नेता बाबा के साथ अभी भी कॉन्टैक्ट में है, औऱ किसी नेता के सेफ हाउस में ही बाबा छिपा हुआ है?
सवाल नंबर 3- कई केस में आरोपी नहीं मिलता तो उसके परिवारवालों पकड़े जाते हैं, फिर नारायण साकार हरि के सेवादार ही क्यों पकड़े जा रहे है, क्या बाबा एंड फैमिली को बचाने के लिए किसी और पर आरोप मढ़ा जा रहा है?
सवाल नंबर 4- जहरीली स्प्रे की जो थ्योरी वकील एपी सिंह ने दी, क्या वो इसलिए ताकि बाबा को आरोपी बनाने की बजाय पीड़ित बताया जा सके और उसे कोर्ट से क्लीनचिट दिलवाई जा सके.
सवाल नंबर 5- मायावती के अलावा किसी नेता ने बाबा की गिरफ्तारी की मांग क्यों नहीं उठाई, क्या मायावती को दलित वोटर्स के नाराज होने का डर नहीं है?
जिस दिन यूपी पुलिस इन सवालों का जवाब ढूंढ लेगी, उस दिन शायद बाबा का सच सामने आने में ज्यादा वक्त न लगे. पुलिस हर मामले में अलग पैटर्न पर काम करती है. चाहे वो राम रहीम का केस हो या आसाराम बापू का. हर केस में पुलिस सेवादारों को उठाती है. आश्रम का राज खोलती है. फिर बाबा तक पहुंचती है और केस को रफा-दफा कर देती है, लेकिन यूपी पुलिस का स्टाइल थोड़ा इससे हटके है. वो पहले फाइल पढ़ती है, फिर सीधा बुलडोजर लेकर पहुंच जाती है. पर नारायण साकार हरि के आश्रम पर बुलडोजर कब पहुंचेगा ये सवाल हर वो परिवार पूछ रहा है, जिसने इस हादसे में अपनों को खोया और बाबा के पाखंड को उजागर करवाया.