नई दिल्ली: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के 40 घंटे से भी कम समय में भारतीय सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों और प्रशिक्षण शिविरों पर निशाना साध लिया है. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था. सूत्रों ने दावा किया है कि भारतीय खुफिया एजेंसियां इन ठिकानों पर कई महीनों से नजर रख रही थीं. सेना ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक विस्तृत रिपोर्ट दी, जिसमें सैन्य कार्रवाई के विकल्प और रणनीतिक सुझाव शामिल थे.
खुफिया जानकारी के अनुसार, पीओके में कई शिविरों में 150 से 200 प्रशिक्षित आतंकी मौजूद हैं, जो जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की तैयारी कर रहे हैं. इन आतंकियों को पाकिस्तानी सेना का समर्थन मिल रहा है. हाल ही में बट्टाल सेक्टर के पास घुसपैठ की कोशिश नाकाम हुई, जिसमें भारतीय सेना के साथ मुठभेड़ में पाकिस्तान की 642 मुजाहिद बटालियन को भारी नुकसान हुआ.
जम्मू-कश्मीर में 60 विदेशी आतंकी सक्रिय हैं, जो हिजबुल मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों से जुड़े हैं. इसके अलावा, 17 स्थानीय आतंकी भी सक्रिय हैं. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास पीओके में 42 आतंकी ठिकाने सक्रिय हैं, जहां करीब 130 आतंकी मौजूद हैं. कश्मीर घाटी में 70 और जम्मू, राजौरी, पूंछ में 60-65 आतंकी सक्रिय हैं. इनमें से करीब 115 पाकिस्तानी नागरिक हैं.
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पाकिस्तानी सेना ने अपनी तरफ एलओसी पर हाई अलर्ट घोषित किया है, क्योंकि उसे भारत की जवाबी कार्रवाई का डर है. इस साल पाकिस्तान ने तीन बार जम्मू-कश्मीर में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है. इस दौरान भारतीय सेना के साथ मुठभेड़ में पांच आतंकी मारे गए.
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आंकड़ों के अनुसार, 42 विदेशी आतंकियों में से ज्यादातर जम्मू क्षेत्र के पांच जिलों - जम्मू, उधमपुर, कठुआ, डोडा और राजौरी में मारे गए. कश्मीर घाटी में बरमूला, बांदीपोरा, कुपवाड़ा और कुलगाम जिलों में भी विदेशी आतंकी मारे गए. जम्मू-कश्मीर के नौ जिलों में विदेशी आतंकियों की मौजूदगी की खबर है, जिसमें बरमूला में सबसे ज्यादा 14 विदेशी आतंकी नौ मुठभेड़ों में मारे गए. ये आतंकी उरी सेक्टर के साबुरा नाला, मुख्य उरी सेक्टर, कमालकोट उरी, और सोपोर के चक तप्पर क्रीरी, नौपोरा, हादीपोरा, सागीपोरा, वाटरगाम और राजपोर जैसे इलाकों में मारे गए.
भारतीय सुरक्षा बल इन आतंकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहे हैं और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं. रक्षा मंत्री को दी गई जानकारी से साफ है कि भारत इन आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए रणनीति बना रहा है. पाकिस्तानी सेना की हरकतों और आतंकियों को समर्थन देने की वजह से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है. भारतीय सेना आतंकियों की घुसपैठ को रोकने और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह तैयार है.