नई दिल्ली: भारतीय सशस्त्र बलों और केंद्र सरकार ने बुधवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' पर एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. इस ब्रीफिंग में विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री और सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी के साथ हिस्सा लिया. व्योमिका सिंह उन चुनिंदा महिला अधिकारियों में से एक हैं, जिन्होंने इतने बड़े स्तर पर भारतीय सशस्त्र बलों का प्रतिनिधित्व किया.
विंग कमांडर सिंह ने बताया कि रातोंरात किए गए सैन्य हमले पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों के खिलाफ थे, ताकि पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों को न्याय दिलाया जा सके. उन्होंने कहा, "नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया और सभी को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया. ठिकानों का चयन इस तरह किया गया था कि नागरिक बुनियादी ढांचे को नुकसान न हो और किसी भी नागरिक की जान न जाए."
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कौन हैं विंग कमांडर व्योमिका सिंह?
विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय वायुसेना की एक अधिकारी हैं, जिन्हें 18 दिसंबर 2019 को हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में कमीशन किया गया था. फ्लाइंग ब्रांच में स्थायी कमीशन प्राप्त करने के बाद उन्हें पायलट रैंक से सम्मानित किया गया. बचपन से ही वायुसेना में शामिल होने का सपना देखने वाली व्योमिका ने अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए नेशनल कैडेट कोर (NCC) में हिस्सा लिया. उनके पास इंजीनियरिंग की डिग्री भी है.
अब विंग कमांडर के रूप में, व्योमिका के पास 2,500 घंटे से अधिक उड़ान का प्रभावशाली रिकॉर्ड है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर जैसे चुनौतीपूर्ण इलाकों में चेतक और चीता हेलीकॉप्टर उड़ाए हैं. उनकी ऑपरेशनल अनुभव ने उन्हें एक कुशल और साहसी पायलट के रूप में स्थापित किया है.
बचाव अभियानों में योगदान
विंग कमांडर सिंह ने कई बचाव अभियानों में हिस्सा लिया है. नवंबर 2020 में, उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में एक बड़े बचाव मिशन का नेतृत्व किया. ये मिशन उच्च ऊंचाई वाले दूरदराज के क्षेत्रों में प्रतिकूल मौसम की स्थिति में किए गए, जो हवाई सहायता की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाते हैं. इन मिशनों ने कई लोगों की जान बचाने में मदद की.
ऐतिहासिक पर्वतारोहण अभियान
विंग कमांडर सिंह ने अपनी असाधारण सहनशक्ति भी साबित की है. साल 2021 में, उन्होंने 21,650 फीट ऊंचे माउंट मानीरंग पर त्रि-सेवा (थल, जल, वायु) की एक ऑल-वुमन पर्वतारोहण अभियान में हिस्सा लिया. इस उल्लेखनीय उपलब्धि को वायुसेना प्रमुख सहित वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों से मान्यता मिली. यह अभियान महिलाओं की ताकत और साहस का प्रतीक था.
महिला सशक्तिकरण की मिसाल
विंग कमांडर व्योमिका सिंह की कहानी न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों को दर्शाती है, बल्कि भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को भी रेखांकित करती है. उनकी नेतृत्व क्षमता, साहस और समर्पण नई पीढ़ी की महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं. ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग में उनकी मौजूदगी ने यह साबित किया कि भारतीय वायुसेना में महिलाएं किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं.