नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में नाम बदलने का सिलसिला लगातार जारी है. इस बार आलीराजपुर का नाम बदला गया है. राजस्व विभाग ने भी इसकी पुष्टि कर दी है. मध्य प्रदेश में ऐसी कार्रवाई पहले भी हो चुकी है. इससे पहले सीएम मोहन यादव के राज में उज्जैन के तीन और शाजापुर जिले के 11 जगहों का नाम बदला जा चुका है. उधर राज्य सरकार के इस फैसले के बाद विवाद शुरू हो गया है. कांग्रेस ने मोहन सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए.
प्रदेश कांग्रेस ने मोहन सरकार को घेरते हुए कहा कि राज्य में रोजगार नहीं है, बेरोजगारी का आलम है, कानून व्यवस्था ठप है, लेकिन सरकार नाम बदलने में बिजी है. कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री ने कहा है कि प्रदेश के लोग परेशान हैं, लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं, लेकिन सरकार का पूरा ध्यान नाम बदलने पर है.
बता दें कि मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार में कई जिलों, शहरों और इमारतों के नाम बदले जा चुके हैं. मोहन सरकार से पहले शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में इस्लामनगर, नसरुल्लागंज, बाबई, होशंगाबाद और हबीबगंज स्टेशन के नाम बदले जा चुके हैं. वहीं, 2025 में सीएम मोहन यादव ने मौलाना गांव का नाम बदला था. साथ ही गजनी खेड़ी और जहांगीरपुर का भी नाम बदला गया था.
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